सहरसा में अपराधियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, और आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि घर से बाहर निकलते ही लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं। शुक्रवार को शहर के सदर थाना क्षेत्र के TOP-02 अंतर्गत वार्ड 36 में दिनदहाड़े चेन छिनतई की वारदात ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अपराधियों ने पूर्व सिविल सर्जन डॉ. रमेश मिश्र की पत्नी पुनीता देवी को अपना निशाना बनाया। बदमाशों ने उनके गले से सोने की चेन झपट ली और मौके से फरार हो गए। दिनदहाड़े हुई इस घटना से आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया, और इलाके में डर का माहौल बन गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में इस तरह की घटनाएं आम हो गई हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन देकर रह जाता है। वारदात के बाद पीड़िता और उनके परिजनों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर कब तक अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम देते रहेंगे और शहरवासी डर के माहौल में जीने को मजबूर रहेंगे?
शहर में चेन स्नेचिंग और लूटपाट की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इससे पहले भी सहरसा के कई इलाकों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें अपराधी बिना किसी डर के राहगीरों, महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बनाते रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस गश्त बढ़ाने और सुरक्षा कड़ी करने के दावे तो करती है, लेकिन हकीकत में इसका कोई असर देखने को नहीं मिलता।
अपराधियों के बढ़ते हौसले से शहरवासियों में गुस्सा और डर दोनों बढ़ रहा है। पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर समय रहते अपराधियों पर लगाम नहीं कसी गई, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने और संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन जब तक अपराधियों की धरपकड़ नहीं होती, तब तक आम लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते।
सहरसा में लगातार बढ़ती चेन स्नेचिंग की घटनाओं ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या अब घर से बाहर निकलना भी सुरक्षित नहीं रहा? आखिर कब तक लोग इस डर के माहौल में जीते रहेंगे? पुलिस प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके और लोगों को सुरक्षा का अहसास हो सके।
Post a Comment